जन्माष्टमी एक हिंदू त्यौहार है जो श्री कृष्ण के जनम दिन की खुशी में मनाया जाता है।
उसके अगले दिन लोग उपवास रखते है
और फिर रात को 12 बजे तक जग कर भगवन श्री कृष्ण का जनम दिन मानते है।
सुबह जल्दी उठकर औरते छोटे बछो के पैर घर के बहार बनती है
जिससे यह लगता है की कृष्ण घर में प्रवेश हो रहे है।
और बहुत सारी रस्मे है जो लोग जन्माष्टमी पर मानते है।
रात भर भजन होता है। आधी रात को छोटे कृष की मूर्ति को नलय जाता है,
झूला मैं डाला जाता है, और फिरसे पूजा करतें है।
आदमी लोग एक के ऊपर एक खड़े होतें है और एक लटकता हुआ मटका फोड़ते हैं।
लोग खाते नहीं है और पूरा दिन पानी भी नहीं पीतें है।
लोग बहुत खुश होतें है क्यूंकि कृष्ण भगवान् विष्णु का अवतार है।
उसके अगले दिन लोग उपवास रखते है
और फिर रात को 12 बजे तक जग कर भगवन श्री कृष्ण का जनम दिन मानते है।
सुबह जल्दी उठकर औरते छोटे बछो के पैर घर के बहार बनती है
जिससे यह लगता है की कृष्ण घर में प्रवेश हो रहे है।
और बहुत सारी रस्मे है जो लोग जन्माष्टमी पर मानते है।
रात भर भजन होता है। आधी रात को छोटे कृष की मूर्ति को नलय जाता है,
झूला मैं डाला जाता है, और फिरसे पूजा करतें है।
आदमी लोग एक के ऊपर एक खड़े होतें है और एक लटकता हुआ मटका फोड़ते हैं।
लोग खाते नहीं है और पूरा दिन पानी भी नहीं पीतें है।
लोग बहुत खुश होतें है क्यूंकि कृष्ण भगवान् विष्णु का अवतार है।
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