Monday, December 7, 2009

अपणि-बोली-भाषा

अपणि-बोली-भाषा का बगैर न त अपणि उन्नति हवै कद और न ही समाज की।
जु समाज अपणि-बोली भाषा-अर-रिती-रिवाज से शर्म करदू ऊ वैकू पतन कू सबसे बडू कारण छ।

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