Monday, August 3, 2009

रक्षा-बंधन(राखी)


रक्षा-बंधन(राखी)
सावन के महीने में आकर राखी.
अपना रंग दिखाती राखी.!!
भैया के हाथो में सजकर
रह-रह कर इठलाती राखी!!
रंग बरंगे नीले-पीले
फूलो की प्यारी राखी!!
मोटी और मानियो से साजजीत
रेशम की न्यारी राखी!!
मेरी सभी बहने
सजधजकर लाती राखी!!
दो दागो का पावन बंधन
चीर बंधन कहलाती राखी!!
थाली बीच सजाकर राखी
यह वीस्वाश देलाती राखी!!
करेगा भैया बहन की रक्छा
चोक बनाकर घर में सुंदर
यह वीस्वाश देलाती राखी!!

''हरीश बिष्ट''

2 comments:

Anonymous said...

It's Very Nice Poem ye Rakhi Ka Tyohar or Bhai Bahen Ka Pyar

kuldeep Singh Rana said...

this Very Beautiful Poem