Thursday, May 14, 2009

बरखा हवेली बत्वानी होलू रै, छौया मन्दारों कु पाणी होलू रैजाली सुवा घासु का डांडीयों मा


बरखा हवेली बत्वानी होलू रै, छौया मन्दारों कु पाणी होलू रैजाली सुवा घासु का डांडीयों मा, मन विन्कू खुदेणु होलू रै !! धरयों खांदा मा चाकू कितलू, चुल्ला मा भावरानी च आग ! छन स्वामी परदेश मा देवतों, रख्या राजी तुमु मेरु सुहाग !!मेरी प्यारी उदास न होई ,मैं छुटी का अरज देणु छौं !लगदा मंगसीर का मैना,मेरी प्यारी मैं घोर ऑनु छौं !! लगी सौणकी कुरेडी रोला गदरियों मा ,हौंदु सिंस्याट ! घुट घुट लगदी च बडुली, दिल मा हौंदु धक् धक्द्याट !!!बौन पंछी , गाड गद्नियों ,मेरी प्यारी खुदेनं न देना !!होली घासु क जांई बाणु मा तुमु सौं छन वीं रौन न देना !!! सेवा सौंली, राजी खुसी अपणी तुमु फ़ोन मा दी दयान! बाटु देखुलू मंगसीर क मैना ,स्वामी घोर जरूर अयान !!प्यारी कन क्वे कटेला यी दीन,मेरु त्वेसी बिछाडाट करयों च !बाकि पर्देसू नौकरी क बानाघर गाँव गुठयार छोडीयूँ च !!!! पर्देसू मा अफु रयान , मेरा बाना नि मन झुराण! मैं जन्नी छुओं ,अपणाघोर मा स्वामी तुमु अपणु ख्याल रख्यान!!!सुवा तू अपणु ख्याल रख्यान , बरखा होली बत्वानी होलू रै चौया मंद्रों कु पाणी होलू रै!जाली सुवा घासु क डंडियों मा, मन विन्कू खुदेणु होलू रै !!!!

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