Tuesday, May 19, 2009

‘‘यनु हो मेरु उत्तराँचल’’


चला अपणा उत्तराँचल तैं हम प्यारु बणौलादुनिया मा हम भी अपणी इक पहचाण बणौलालोगू मा प्यार–मोहब्बत हो जखदुःख–विपदा मा इक दूसरा कू सारु हो जखचला अपणा उत्तराँचल तैं हम प्यारु बणौलादुनिया मा हम भी अपणी इक पहचाण बणौलाफूलू मा कान्डा न होन जखभूखों गरीबों तैं क्वी न सतौं जखचला अपणा उत्तराँचल तैं हम प्यारु बणौलादुनिया मा हम भी अपणी इक पहचाण बणौलाइक–दूसरा तै पुछण वाला हो जखगाली–गलौच़ लडै–झगड़ा कू नौवूं न हो जखबेटी–ब्वारी तैं पूरु सम्मान मिलु जखचला अपणा उत्तराँचल तैं हम प्यारु बणौलादुनिया मा हम भी अपणी इक पहचाण बणौलापढ़ियां –लिख्यां लोग़ अनपढ़ौं तैं शिक्षा बांटू जखरोजगार की कमी न हो जखबेरोजगार दग्गड़या न भटकू जखचला अपणा उत्तराँचल तैं हम प्यारु बणौलादुनिया मा हम भी अपणी इक पहचाण बणौलागौवूं –खोला मा दीदी–भूलि मिलिजुलि काम करु जखसुख–सर्मिधि कू उजालू हो जखचला अपणा उत्तराँचल तैं हम प्यारु बणौलादुनिया मा हम भी अपणी इक पहचाण बणौला

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