Tuesday, May 19, 2009

कु होली ऊँची डांडीयूँ मा बीरा घस्यरी


कु होली ऊँची डांडीयूँ मा बीरा घस्यरी का भेस मा खुद मा तेरी सड़कयूँ पर में रोनू छौं परदेश माऊँची निसी डांडी गाड गद्न्या हिसर अर किन्गोड़ लाछुल बुल बन ग्ये होली डाली ग्वेर दगडया तोडलाघनी कुनाल्युन का बिच अर बांज की डाली का छैल मा बेटी ब्वारी बैठी होली बैख होला याद मा लटुली उडनी होली ठंडी हवा न डांडा की पर मी मोरनू छौं घाम अर तीस न ये देश माखुद मा तेरी सड़कयूँ पर मी रोनू छौं परदेश मा कु होली ऊँची डांडीयूँ मा बीरा घस्यरी का भेस मा खुद मा तेरी सड़कयूँ पर में रोनू छौं परदेश मारोनू छौं परदेश मागौडी भैंसी म्वा म्वा करदी रमदी लैंदी जब आली वुंकी गुसैन भांडी लेकी गौडी भैंसी पिजाली श्रौन भादौ का मैना लोग धाणी सब जाला वुनका जनाना स्वामी कु अपड़ा स्यारों रोटी लिजालामूला की भुज्जी प्याज कु साग दै की कटोरी भोरी की कोदा की अफुकू स्वामी कु ग्यून की रोटी खलल चोरी की पर मी भुखू सी छौं अपड़ा स्वाद बिना ये देश माखुद मा तेरी सड़कयूँ पर मी रोनू छौं परदेश मा कु होली ऊँची डांडीयूँ मा बीरा घस्यरी का भेस मा खुद मा तेरी सड़कयूँ पर में रोनू छौं परदेश मारोनू छौं परदेश मा---------------------------------------------

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