Thursday, May 21, 2009

बस एक हाँ के इंतज़ार में रात यूँ ही गुज़र जायेगी,

बस एक हाँ के इंतज़ार में रात यूँ ही गुज़र जायेगी,अब तोः बस उलझन है साथ मेरे नींद कहाँ आएगी,सुबह की किरण न जाने कोनसा संदेश लाएगी,रिमझिम सी गुनगुनायेगी या प्यास अधूरी रह जायेगी अब तोः बस सारी रात उसकी यादें आएगी,हर गुज़रते पल में उसकी बातें आएगी,उसकी शरारतें मेरे चेहरे मुस्कराहट लाएगी,मेरी आँखें उसकी झील सी आंखों में डूब जायेगी,उसकी बातें किसी मीठी धुन की तरह कानो में घुल जायेगी,उसकी मासूम हँसी सुकूं की तरह दिल में उतर जायेगी,मेरी साँसों में वो बनके खुशबु बस जायेगी,मेरी नींद में भी ख्वाब बनके वो आएगी,जो आया मोहोब्बत का पैगाम तोः यह ज़िन्दगी संवर जायेगी,ज़िन्दगी के इस सफर को एक मंजिल मिल जायेगी,अगर हुई रुसवाई तोः ज़िन्दगी कुछ ऐसी हो जायेगी,जिंदा रहूँगा में पर ज़िन्दगी ख़तम हो जायेगी,अब तोः खुदा जाने या मेरा साजन की मेरी मोहोब्बत क्या रंग लाएगी,है उम्मीद की चाँद सितारों सी आसमान में मुकम्मल हो जायेगी,जो हुई सच्ची तोः मोहोब्बत मेरी कुछ ऐसा असर कर जायेगी,मेरी प्यार भरी "गुजारिशें" उन्हें कुबूल हो जायेगी.........

Source:http://www.nalin-mehra.blogspot.com/