Tuesday, September 29, 2009

विजय दशमी पर्व पर गढ़वाल


गढ़वाल। विजय दशमी पर्व पर गढ़वाल के अलग-अलग भागों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्कूली छात्रों ने झांकी निकालकर रावण के पुतले का दहन किया। जगह-जगह हो रही रामलीला का भी समापन हुआ और लोगों ने घरों में स्थापित मूर्तियों को गंगा में बहाया।

विजयी दशमी के अवसर पर रामलीला मंचन के आखिरी दिन रावण के पुतले का दहन किया गया।

मैदान में आयोजित रामलीला मंचन के आखिरी दिन रामभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। आखिरी दिन मंचन से लेकर समाप्ति रामभक्तों द्वार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम चंद्र भगवान की जय के उद्घोषों समूचा आयोजन रामभक्ति से सराबोर हो उठा। आखिरी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र भगवान द्वारा रावण का वध कर दिया जाता है।

सैकड़ों रामभक्तों की मौजूदगी में रामलीला मैदान में विशाल रावण के पुतले का दहन किया गया। इस प्रकार से सत्य की असत्य पर जीत के प्रतीक के रूप में आयोजित होने वाले रामलीला का भी औपचारिक रूप से रामलीला का समापन हो गया।

उत्तरकाशी। दुर्गा की जयकारे के साथ मूर्तियां गंगा नदी में विसर्जित की गई। दस दिन तक चली पूजा अर्चना के बाद सोमवार को महिषासुर मर्दिनी व उनकी योगनियों के साथ ही गणेश की मूर्ति भी गंगा में विसर्जित की गई। मूर्ति विसर्जन से पहले शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई।

यात्रा का लोगों ने घरों की छतों से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। मूर्ति विसर्जन से पहले हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना, यज्ञ व अनुष्ठान आयोजित किए गए। शक्ति माता, कुटेटी देवी, दक्षिण काली मंदिर, अष्ट भुजा दुर्गा देवी, उच्जवला देवी समेत अन्य मंदिरों में भी यज्ञ व अनुष्ठानों को विश्राम दिया गया।

गुप्तकाशी। विजय दशमी पर्व पर डा. जेक्सवीन नेशनल स्कूल गुप्तकाशी के तत्वावधान में भव्य दशहरा कार्यक्रम का आयोजन किया। छात्रों ने बाजार में भव्य झांकी निकालकर रावण के पुतले को जलाया।

विजय दशमी पर्व पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भटट और विधायक श्रीमती आशा नौटियाल ने किया। उन्होंने दशहरा पर्व को एतिहासिक पर्व बताते हुए कहा कि इस दिन भगवान राम ने रावण के अत्याचारों को समाप्त कर सत्य की असत्य पर जीत दिलाई थी।

कार्यक्रम में डा. जेक्सवीन नेशनल स्कूल गुप्तकाशी के छात्र-छात्राओं द्वारा गुप्तकाशी मुख्य बाजार से नारायणकोटी बाजार तक भव्य झांकी निकाली और रावण का विशाल काय पुतले का दहन किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य केशव तिवारी, विद्यालय के प्रबंधक मनोज बेंजवाल, लखपत राणा, प्रधानाचार्य धमेन्द्र फस्र्वाण, ज्येष्ठ प्रमुख जयंती प्रसाद कुर्माचली, प्रधान गुप्तकाशी रश्मी नेगी, पीटीए अध्यक्ष डा. हर्षवर्धन बेंजवाल सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

कालागढ़। असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा का पूर्व परांपरागत ढंग से मनाया गया। इस पूर्व पर हिन्दू धर्म के लोगों पर घरों में पूजा कर लौकी का मिट्ठा रायता बनाकर पूजा की।

नई कालोनी स्थित रामलीला मैदान में राम और रावण के पात्र बने कलाकारों ने युद्ध का स्वांग चलता रहा, जैसे ही


कुम्भकरण के पुतलों में अग्नि बाण छोड़ दिया। राम के द्वारा अग्नि छोड़ते ही पुतले धू धू कर जल उठे।