Wednesday, April 7, 2010

''वर्तमान में पहाड़ के हाल''

जब पी व्हिस्की तब दुख खिसकी
जब पी रम तब मिटी गम .
आर कच्ची कू असर क्या क्य बोलण तब ,
एक घूँट दारू कू मज़ा क्य बोलण तब,...
( मतलब की वर्तमान में पहाड़ के हाल ये हो गये हैं की शराब हर बात का इलाज़ है वा ! क्या बात हैं ये तंज़ शराब के शौकीन गढ़वाल पर है कोई राय पीने की नही दी बल्कि मज़ाक बनाया है )

हिंसर की जड़ों कू पाणी गोरख्यों न छानी
पहाड़ू बैक क्या यू गोरख्यों न पछाणि
बैक पी की मस्त कजणि पोंगडी मा हाड़गी तोड़ानी
कख़ी कच्ची का कॅनटर कख़ी छन्ग का घुटका
एक घूँट दारू कू मज़ा क्य बोलण तब.............

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Bisht G
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Tuesday, April 6, 2010

प्यार मा नोनियों ते धोखा देण वालाओ लोगो तई छ मेरु यू पैगाम...

प्यार मा नोनियों ते धोखा देण वालाओ लोगो तई छ मेरु यू पैगाम...
आजकल का नोना जु आफु तई बहुत बडा लव गुरु समझ दान और कैकी भूली दीदी गेल धोका देनान...
यनु भी होए सकदु की नोनी भी धोखा देंदी पर अपना उत्तराखंड मा यनु कुई फैशन नी छ..
शायद सा मेरा देखणा मा और अगर मेरी या चार लाइन कै तई दुःख पहुचाऊ त वे खती माफ़ी चांदु...
मिन त बोल्याली तुम भी सुणी ल्या..


प्यार कु नौ नी ले , नितर मुंड कपाली होली..

दुबारा ना मिले मी तई नितर झिडक्ताली होली..

अब की दों फिर ना दिखे मेरा हाथ मा मुछाली होली..

हुँकार भरली नारी शक्ति और रणसिंघा बजलू वा युध होलू..

त्वये जनि लव गुरु बणण वालो लोगो कु वध होलू......


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Bisht G
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