Saturday, March 27, 2010

''उत्तराखंड में शर्मशार होती बहु बेटियां''

देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड की संस्कृती व परम्परा को भले ही यहाँ के लोक गायकों द्वारा खूब प्रचारित किया गया हो लेकिन कुछ गवेये द्वारा यहाँ की संस्कृती व बहु बेटियों को शर्मशार करके रख दिया है.
उत्तराखंड के कुछ लोकगायकों द्वारा अपने गीतों के माध्यम से यहाँ की बहु बेटियों को " फुर्की बांध" " लबरा छोरी " " शिल्की बांध " " चकना बांध " " पटाखी " सहित कई अन्य उत्पतांग शब्द देकर अपमानित किया जा रहा है. कुछ ज्यादा ही प्रचारित किया जा रहा है.
ऐसे में तो यही समझा जा सकता है की इस देवभूमि में महिलाओं की शायद क़द्र अब कम होने लगी हैं.
आज हर संस्थावों में महिलाओं को आगे बढ़ने की बात भले ही की जा रही हो लेकिन स्वयं सेवी संस्था भी इन गीतों में मस्त होकर झूम रहे हैं.
परन्तु इन गानों पर न तो अंकुश लगाया जा रहा है और न ही कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है
इन गायकों को अपने शो के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. और वो " फुर्की बांध" " लबरा छोरी " " शिल्की बांध " "
" चकना बांध " " पटाखी " सहित कई अन्य उत्पतांग शब्दों से भरे गलियों के अर्थ वाले गाने गाकर फुर्र हो जाते हैं.
देवभूमि में ऐसे शब्दों को गाली समझा जाता है. यह बात जानने के बावजूद भी ये गवेये ऐसे गीत बनाना और गाना अपनी शान समझते हैं.
ऐसे में यही समझा जा सकता है
की हर घर की बहु बेटी " फुर्की बांध" " लबरा छोरी " 
" शिल्की बांध " " चकना बांध " " पटाखी " है और इन गवेयों पर कोई भी अंकुश लगाने वाला नहीं है .
जिससे हर घर की बहु बेटी को अपमान भरे गाने सुनने को बिबश होना पद रहा है........

आप् क्या कहते हो इस बारे मैं ?

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Bisht G
Contt:- 9999 451 250