Saturday, April 3, 2010



एक हल्या (हल लगाने वाला) अपने बुड़े बेलो को देखकर ये सोच रहा है, और मन हि मन मैं गुनगुना रहा है,.......



चल मेरी डागी अभी तिन सारा पुगडा होल लगान.
तभी जन तिन और मीन घर..
चल चल डीस देख ना..
तीर ना देख उकाली उनधार..
चल मेरी डागी अबी तिन सारा पुगडा होल लगान...

3 comments:

Unknown said...

Nice bohot achha....... :))

kootri said...

nice

Bhupi said...

Baldo ki Snap Bahut achhi............
Garhwal ki yaad taza ho gayi.......
Lage Raho
God Bless U