जब पी व्हिस्की तब दुख खिसकी
जब पी रम तब मिटी गम .
आर कच्ची कू असर क्या क्य बोलण तब ,
एक घूँट दारू कू मज़ा क्य बोलण तब,...( मतलब की वर्तमान में पहाड़ के हाल ये हो गये हैं की शराब हर बात का इलाज़ है वा ! क्या बात हैं ये तंज़ शराब के शौकीन गढ़वाल पर है कोई राय पीने की नही दी बल्कि मज़ाक बनाया है )
हिंसर की जड़ों कू पाणी गोरख्यों न छानी
पहाड़ू बैक क्या यू गोरख्यों न पछाणि
बैक पी की मस्त कजणि पोंगडी मा हाड़गी तोड़ानी
कख़ी कच्ची का कॅनटर कख़ी छन्ग का घुटका
एक घूँट दारू कू मज़ा क्य बोलण तब.............
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Bisht G
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