Tuesday, July 13, 2010


मूल मूल के तू हसनी छे हे निमो की दांडी.....

कन छीन मेरा पहाड़ का हाल या
केन नि जाडी ....

जरा त्वे ता बातो निमो की दांडी की क्या ची होनु मेरा
पहाड़ माँ ....

में ता छो आयु नोकरी कन अपना पहाड़ ते छोड़की......

मूल
मूल के तू हसनी छे हे निमो की दांडी.......

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