ज़माने के साथ बदलता पहाड़ी संगीत
आज ज़माने के साथ बदलता जा रहा है पहाड़ी संगीत. कई इनसे गीत संगीत सुनाई दे रहा है जो अगर बोली छोड़ दे तो कहीं से भी पहाड़ी अस्तित्व नहीं दिखाई देता. आजकल गीतों में मौलिक आवाज़ की जगह एक पतली एवं फटी आवाज़ सुनाई देती है जो की हर एल्बम में १ गाने में जरूर होती है. क्या यह बदलता स्वरुप हम लोगों ने स्वीकार कर लिया है. या फिर इसको इस सस्ती लोकप्रियता कहेंगे जो की गायक कर रहे हैं... कुछ गीत इसके उदहारण है.फुर्की बांद लबरा छोरी, छेकना बांध,लीला घसियारी ..क्या है ये कोई गीत है क्या ये तो सरासर अपमान है अपने बहु बेटियों का ... क्या आपको लगता है की ये गाने सही है ? ये कोन सा बोली हुई फुर्की बांध,लीला गसियारी , इस तरीके की बोली आजकल के गायक बोल रहे है और हम लोग भी मस्त होकर सुनते है एन्जॉय करते है क्यों एषा क्यों हो रहा है हमारे पहाड़ी समाज में .... क्या ... आखिर इसका क्या कारण है क्यों हो रहा है ये सब .....
हिमांशु बिष्ट
एक समय था जब शादी या फिर दूसरी पार्टियों में डीजे पर सबसे ज्यादा हिंदी डांस नंबर्स बजाए जाते थे. समय बदला और इंग्लिश डांस नंबर्स का एक खास श्रोता वर्ग उभर आया. लेकिन जब हर तरह के म्यूजिक के साथ एक्सपेरिमेंट हो रहे हैं, तो भला फोक क्यों पीछे रहे. इन दिनों गढ़वाली-कुमाऊंनी रीमिक्स डांस नंबर्स डीजे पर सबसे ज्यादा बजाए जा रहे हैं और थिरकने की चाह पाले श्रोता इन्हें पसंद भी कर रहे हैं. युवाओं की खास च्वॉइसगजेंद्र राणा का गाया गढ़वाली गीत तू लगदी झकास हो या फिर मंगलेश डंगवाल का चढ़दी जवानी तेरी मस्त शिवानी युवाओं की खास च्वॉइस लिस्ट में शामिल हैं. कैसेट विक्रेताओं का कहना है कि एक समय था, जब युवा अक्सर गढ़वाली-कुमाऊंनी जैसे रिजनल सांग्स से दूर ही रहा करते थे, या फिर सेलेक्टेड नंबर्स ही पसंद किया करते थे, लेकिन अब रिजनल सांग्स का एक खास श्रोता वर्ग है. फोक सांग्स के साथ किया जाने वाला एक्सपेरिमेंट लोगों को काफी पसंद आ रहा है. बदलाव की बयारसागर म्यूजिक हट के ओनर कमल लोनियाल बताते हैं कि इन दिनों हर तरह के म्यूजिक में एक्सपेरिमेंट्स किए जा रहे हैं. गढ़वाली और कुमाऊंनी सांग्स में भी पहले की अपेक्षा काफी अंतर आ गया है. फिर चाहे वह ऑडियो हो या फिर वीडिओ. कमल लोनियाल बताते हैं कि कैसेट सीडीज के मार्केट में लगभग 30 परसेंट मार्केट रिजनल सांग्स का है. कमल बताते हैं कि शादी, पार्टीज में गढ़वाली-कुमांऊनी के फास्ट रिदमिक सांग्स को काफी पसंद किया जाता है, लेकिन जो लोग प्योर फोक म्यूजिक सांग्स सुनना चाहते हैं, उनका एक अलग ग्रुप है. ट्रेडिशनल फोक के लिसनर ग्रुप में नरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम भरतवाण व मीना राणा को पसंद किया जाता है. वहीं युवाओं में गजेंद्र राणा, मंगलेश डंगवाल और मास्टर रोहित की ऑडियो और वीडियो सीडी पसंद किया जाता है
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