पहाड़ का सब्बि आम अर खास लोखूं से एक आग्रह.....
२०११ कि जनगणना शुरू ह्वेगे। आप थैं जानकारी होली कि जनगणना का प्रपत्र मा एक कालम भाषा कू बि होन्दू। आमतौर पर जनगणना कर्ता ही हमारी भाषा हिन्दी अंकित कर देंदन्....जबकि हमारी मूल भाषा (दूदबोली) गढ़वाली या कुमाऊंनी च।
स्यू एक आग्रह यूं कि भाषा का ये कालम मा अपणी भाषा गढ़वाली या कुमाऊंनी अंकित करावा। ताकि हम देश मा भाषा का स्तर पर अपणी पहचान कायम कर सकां अर अपणी भाषा थैं संविधान कि आठवीं अनुसूची मा स्थान दिलै सकां।
किलै कि आज भी भाषायी आधार पर हमरि पछाण देश मा नगण्य च।
ये रैबार थैं अपणा इष्टमित्रूं, परिचितूं, प्रवासियों तक बि पौछैल्या यन्न बि आग्रह च।
ये भाषा आन्दोलन मा आपकी भागीदारी अपेक्षित च।
जय उत्तराखंड..जय भारत !!
उत्तराखंड के सभी लोगों से एक आग्रह.....
भारत में २०११ की जनगणना शुरू हो चुकी है l आपको जानकारी होगी कि जनगणना के फॉर्म में एक कॉलम भाषा का भी होता है l आमतौर पर जनगणना करने वाले ही हमारी भाषा हिंदी अंकित कर देते हैं....जबकि हमारी मूल भाषा(मातृ-भाषा) गढ़वाली / कुमाऊंनी है l
इसलिए एक आग्रह है कि भाषा के कॉलम में अपनी भाषा गढ़वाली या कुमाऊंनी ही लिखवायें, ताकि हम उत्तराखंडी / उत्तरांचली भाषा के स्तर पर अपनी पहचान बना सकें और अपनी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान दिला सकें l
क्योंकि आज भी भाषा के आधार पर हमारी पहचान भारत में न के बराबर ही है l
आप लोगों से इस सन्देश को अपने मित्रो, परिचितों और उत्तराखंडी भाई बहनों तक भी पहुँचाने का आग्रह भी करते हैं l
इस भाषा आन्दोलन में आपकी भागीदारी अपेक्षित है l
जय उत्तराखंड..जय भारत !!
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